NPCI Kya Hai – आज हम इस पोस्ट में NPCI Kya Hai के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में बताने जा रहे है | NPCI एक Non-Profitable बैंकिंग संस्था है | यदि आप NPCI के बारे में जानना चाहते है तो आर्टिकल NPCI Kya Hai in Hindi को पूरा जरूर पढ़े| आपको बैंकिंग के क्षेत्र में काफी हद तक जानकारी प्राप्त हो जायेगी|
वैसे तो सभी व्यक्तियों को NPCI के बारे में जानकारी जरूरी है हम इस पोस्ट में NPCI के बारे में बहुत ही सरल भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे| NPCI क्या है ? NPCI क्या है यह किस तरह से काम करता है ( NPCI Works ) इसके प्रोडक्ट्स कौन कौन से है ( NPCI Products in Hindi ) आदि के बारे में पूरी जानकारी इस पोस्ट में दी जा रही है तो इस पोस्ट के ध्यान पूर्वक पढ़े आपको बैंकिंग से सम्बंधित सभी प्रश्नो के उत्तर इस पोस्ट मे मिल जाएंगे।NPCI Kya hai in hindi – What is NPCI in Hindi
एनपीसीआई (NPCI) Full Form in Hindi –
National Payments Corporation of India (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) है|
यह वर्ष Dec 2008 में लॉंच की गई थी जिसकी स्थापना
भारतीय रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया और भारतीय बैंक संघ (Indian
Banks’ Association (IBA) ) के द्वारा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (
The Payment and settlement System Act, 2007) के प्रावधानों के तहत हुई थी |
NPCI एक
गैर-लाभकारी संगठन ( Non Profit Organization ) है जो एनपीसीआई कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8
(Section 8 of Companies Act, 2013 ) के तहत रजिस्टर्ड की गई है |
NPCI भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का विशेष विभाग है जो वित्त
मंत्रालय भारत सरकार (Ministry of Finance, Government of India ) के अधीन आता है जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा खुदरा भुगतान (Retail
Payments ) और निपटान
(Settlement ) के लिए बनाया गया था|
देश के
अंदर जितने भी डिजिटल भुगतान (Digital Payments) का जो भी सेटलमेंट सिस्टम (Settlement
System) होता है
उसका देख रेख का कार्य NPCI के द्वारा ही किया जाता है| NPCI का मुख्य उद्देश्य है बैंकिंग
प्रणाली (Banking System) का एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार करना है जिसमे विभिन्न (Retail
Payments) खुदरा
भुगतान प्रणाली और इनका सेटलमेंट (Settlement) इलेक्ट्रॉनिक (Electronic)
रूप में
आसानी से हो सके|
About NPCI And Its Work जाने एनपीसीआई और इनके कार्य
वर्तमान समय
मे जितने भी Cashless Transaction होते है या Digital Payments का लेनदेन होता है तथा जितने भी
सरकारी योजनाओं का जो लाभ मिलता है वह सब DBT के माध्यम से आपके खाते (Accounts)
में पहुंच जाता
है चाहे वह पेंशन हो या Scholarship हो, गैस
सब्सिडी या PM किसान योजना का लाभ हो, चाहे भारत सरकार या राज्य सरकार
का लाभ का पैसा हो|
आप ने अभी तक
जितने भी Mobile में Transaction के लिए Android Apps प्रयोग
करते होंगे उसमे
आप अपने Accounts को लिंक कर Cashless Transaction करते है पैसे का लेनदेन करते है चाहे वह ऐप्प Google
Pay, PhonePe, Paytm, Mi Pay हो और भी बहुत सारे ऍप्स आते है इन सारे Transaction
का देख
-रेख NPCI ही करती है।
NPCI की वजह से डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में काफी परिवर्तन हुआ है जिससे
लोगो को Digitally रूप में भुगतान करने और भुगतान पाने दोनों में बहुत ही आसानी हुई है|
हमें यदि
कोई सरकार के द्वारा कोई भी लाभ मिलना होता है और वह पैसा हमारे खाते में नहीं आता
है तो हम लोग बैंक जाते है और बैंक के स्टाफ से पूछते है की लाभ मिलने के वावजूद
हमारे खाते में पैसा नहीं आ रहा है तो बैंक कर्मचारी बताते है की आपका अकाउंट NPCI आधार से लिंक नहीं है पहले अपने अकाउंट
को NPCI आधार से लिंक करवाइये| अब आप समझ गए होंगे की किसी भी
सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए NPCI का क्या महत्व है |
NPCI Products or Services in Hindi – NPCI के उत्पाद या सेवाएँ
एनपीसीआई (NPCI) अपने ग्राहकों को कई तरह की
सेवाएँ प्रदान करती है| दूसरे
शब्दों में- NPCI कई तरह के
Products का संचालन कर रही है जिसका विवरण नीचे दिया गया है:-
IMPS
IMPS Ka Full Form – Immediate Payment Service ( इमीडिएट पेमेंट सर्विस ) होता है यह बैंकिंग सिस्टम का सबसे अच्छा और बेस्ट प्रणाली है जिसको 22 नवम्बर 2010 को लांच किया गया था| IMPS के माध्यम से भेजा गया पैसा तुरंत दूसरे के खाते में चला जाता है आप मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से बहुत ही आसानी से एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसा भेज सकते हैं।
NPCI की यह सर्विस 24 / 7 चालू रहती है यानि आप किसी भी समय
अपने अकाउंट के पैसे को दूसरे के अकाउंट में कुछ ही सेकेंडो में भेज सकते है | इसमें न्यूनतम राशि की कोई
बाध्यता नहीं है और अधिकतम दो लाख तक भेज सकते है।
AEPS
AEPS Ka Full Form – Aadhar Enabled Payment System ( आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम )
होता है | जिसके
माध्यम से हम पैसो का लेन देन बहुत ही आसानी से तथा सुरक्षित
रूप से कर सकते है इसके लिए बस अपना आधार नंबर तथा बायोमेट्रिक देनी होती है। इस सुविधा से लोगो को पैसे निकालने
और अपने खाते मे पैसे डालने मे काफी मदद मिलती है।
इससे लोगो
को पैसे की निकालने (Withdraw) , पैसे जमा करने (Deposit),
बैलेंस
इन्क्वारी (Balance Enquiry), मिनी स्टेटमेंट (Mini statement), आधार से आधार के द्वारा पैसे
ट्रांसफर करने मे AEPS से बहुत ही सुविधा मिलती है|
अब लोगो को
बैंको में ज्यादा भीड़ लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है| और न ही बैंक अकाउंट बताने की
आवश्यकता है| किसी भी
बैंक CSP, साइबर कैफ़े, या ऐसी
दुकान जहाँ पर AEPS की सुविधा उपलब्ध है ये सारी सुविधाएँ आधार नम्बर बता कर प्राप्त कर
सकते है | अब ये
सुविधाएँ हर जगह पर आपको देखने को मिल जाएगी|
NACH
NACH
ka Full Form – National Automated Clearing House (नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस)
होता है जिसे हिंदी में राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह कहते है |
यह प्रणाली
ECS ( Electronic Clearing System ) का ही Modified रूप है | इसमें दो तरह से ट्रांसक्शन हो
रहे थे ECS Debit और दूसरा ECS क्रेडिट | अब हम यहां पर जानते हैं ECS Debit
और ECS क्रेडिट के बारे में|
ECS
डेबिट वो सर्विस
जिससे एक अकाउंट से multiple
account में एक
निश्चित समय पर पैसा का ट्रांसफर होता है उसे हम ECS
Debit. कहते हैं जैसे सैलरी, Interest
, पेंशन , सब्सिडी, लाभांश,
Scholarship आदि |
ECS
क्रेडिट वो
सर्विस है जिससे Multiple Account से पैसा कटकर एक निश्चित समय में एक अकाउंट में आता है उसे हम
ECS Credit कहते हैं जैसे – लोन का पैसा, इन्शुरन्स प्रीमियम , बिजली बिल , म्यूच्यूअल फंड में निवेश, इनकम टैक्स pay ,GST
Payment आदि |
लेकिन ECS में कुछ कमियाँ थी जिसे सही करके NACH को मार्च 2017 में launch किया गया | लेकिन इसका भी काम वही है थोक में
पैसा लेना और देना है जो ऊपर के उदाहरण में बताया गया है | इसका corporate
और वित्तीय
संस्थानों काफी उपयोग होता है|
NFS
NFS ka Full Form – National Financial Switch (नेशनल फाइनेंसियल स्विच) होता है
जिसे हिंदी में राष्ट्रीय वित्तीय स्विच कहते है |
इसका काम
देश में जितने भी बैंको के ATMS अलग अलग जगह में लगे हुए है उन बैंको के ATM को एक दूसरे के साथ जोड़ना है यानि
आप किसी भी बैंक के ATM से पैसा को
निकाल सकते है मिनी स्टेटमेंट या बैलेंस भी देख सकते है यानि सभी बैंको के एटीएम
को एक दूसरे के साथ जोड़ इसमे किया जाता है।
इस सुविधा को
27 August 2004 को लॉन्च किया गया थ। जिससे लोगो को काफी राहत मिली है अब यदि
एक एटीएम बंद है या ख़राब है या पैसे नहीं है तो कोई बात नहीं आप दूसरे बैंक के ATM से पैसे आराम से निकल सकते है
क्योंकि NFS के माध्यम
से सभी बैंको के ATM एक दूसरे
से जुड़े होते है |
हमे उम्मीद है कि आपको इस पोस्ट से NPCI के बारे मे काफी कुछ जानने को मिला होगा। इस पोस्ट से सम्बंधित आप का कोई सुझाव या सवाल हो तो हमे कमेंट बाक्स मे जरूर लिखिएगा।
धन्यवाद
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